पाकिस्तान की हिंदू लड़की ‘शाहरुख खान’
नहीं है
इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए कोई डिमांड नहीं है
नबी के नगर में हर रोज लुटती अस्मत है
मौलवी हिंदू लड़कियों की तय करते किस्मत हैं
गाय का गोश्त खिलाकर कलमा पढवाते हैं
मुस्लिम शौहर, हिंदू बच्चियों से जबरन कबूल करवाते
हैं
हिंदुओं का ‘ईमान’
कुरान वालों के लिए ईमान नहीं है
इसलिए वहां गीता-गायत्री की कोई पहचान नही है
पाकिस्तान की हिंदू लड़की ‘शाहरुख खान’
नहीं है
इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए कोई डिमांड नहीं है
सिंध, कराची, लाहौर, पेशावर गवाह पूरा पाकिस्तान
है
हर जगह फैले हिंदू लड़कियों के जुल्मों के निशान
हैं
स्कूल, घरों, मंदिरों से लड़कियों की किडनैपिंग
होती हैं
ह्यूमन राइट्स, अदालत, मीडिया, सरकार सब सोती हैं
सेक्यूलर कहते हैं कि ये तो इस्लाम नहीं है
तो बता दो, इस्लामी मुल्कों में हम क्यों इंसान
नहीं हैं
पाकिस्तान की हिंदू लड़की ‘शाहरुख खान’
नहीं है
इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए कोई डिमांड नहीं है
हिंदू नरसंहार की धमकियों पर बलात्कार होता है
हिंदू ललनाओं के हर आंसुओं पर जश्न होता है
पाकिस्तान में हिंदू बच्चियों को कब तक नोंचा
जाएगा ?
क्या कभी मीडिया इस सवाल को भी उठाएगा ?
क्योंकि वो ‘इस्लामिस्तान’
है ‘हिंदु’स्तान
नहीं है
इसलिए अल्पसंख्यकों की लड़कियां वहां इंसान नही
हैं
पाकिस्तान की हिंदू लड़की ‘शाहरुख खान’
नहीं है
इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए कोई डिमांड नहीं है